Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023: “परम्परागत कृषि विकास योजना” (Paramparagat Krishi Vikas Yojana) एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना है जो भारतीय किसानों को जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सहायता प्रदान करती है। जैविक खेती एक प्राकृतिक खेती प्रणाली है जिसमें कीटनाशकों का कम उपयोग किया जाता है, इससे खेतों का प्रदूषण कम होता है और स्वास्थ्य को बेहतर फायदा मिलता है। यह खेती भूजल और सतह के पानी में नाइट्रेट की लीचिंग को भी कम करती है, जिससे जल संकट को कम किया जा सकता है।
सरकार इस Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 के तहत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है ताकि वे जैविक खेती को बढ़ावा दे सकें। इसके अंतर्गत, किसान अपनी खेती को सुधारने के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यह PKVY योजना खेती के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में मदद करती है और उन्हें सामृद्धि प्राप्त करने में मदद करती है। किसानों को इस परम्परागत कृषि विकास योजना 2023 के तहत आवेदन करने के लिए सरकारी निर्देशों का पालन करना चाहिए, जिससे वे इस योजना के सभी लाभ उठा सकेंगे और खेती को बेहतरीन तरीके से संचालित कर सकेंगे।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 Overview
योजना का नाम | परम्परागत कृषि विकास योजना |
किसने आरंभ की | भारत सरकार |
लाभार्थी | किसान |
उद्देश्य | जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना। |
आधिकारिक वेबसाइट | https://pgsindia-ncof.gov.in/PKVY/Index.aspx |
साल | 2023 |
आवेदन का प्रकार | ऑनलाइन/ऑफलाइन |
वित्तीय सहायता | ₹50000 |
Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023
परंपरागत कृषि विकास योजना 2023, जिसे सॉइल हेल्थ PKVY योजना के तहत आरंभ किया गया है, भारतीय कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ करने और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के तहत, सरकार किसानों को आर्थिक रूप से समर्थन प्रदान कर रही है, ताकि वे पारंपरिक खेती को छोड़कर जैविक खेती की ओर बढ़ सकें।
इस Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 के माध्यम से, जैविक खेती के स्थाई मॉडल को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसमें पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का संयोजन होगा। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में क्लस्टर निर्माण किया जाएगा, जो किसानों को अधिक सामृद्धि और विकास का मौका देगा।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 का मुख्य लक्ष्य मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाना है, जिससे भूमि दुर्बलता को कम किया जा सके। इसके साथ ही, किसानों को उनकी प्रतिष्ठिता और आदर्शों के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, और उन्हें मूल्यवर्धन और उनके उत्पादों को विपणन करने के लिए आर्थिक सहायता भी मिलती है। सन 2015-16 में रसायनिक मुक्त जैविक खेती के क्लस्टर मोड को बढ़ावा देने के उद्देश्य से Paramparagat Krishi Vikas Yojana की शुरुआत की गई थी, जिससे भारत की कृषि संवर्धन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।
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परम्परागत कृषि विकास योजना का उद्देश्य
परम्परागत कृषि विकास योजना 2023 का मुख्य उद्देश्य भारतीय किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करना है। इस योजना के अंतर्गत, किसानों को जैविक खेती के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे परंपरागत कृषि तकनीकों को छोड़कर नवाचारिक और सुस्त साधनों का उपयोग कर सकें।
इस Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 के माध्यम से, मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाने का भी लक्ष्य है, जिससे खेतों की उर्वरता में सुधार हो। जैविक खेती के लिए कम कीटनाशकों का उपयोग करने के कारण, यह योजना स्वस्थ और पोषण से भरपूर खाद्य प्रदर्शन को भी बढ़ावा देगी।
परम्परागत कृषि विकास योजना 2023 के माध्यम से रसायनिक मुक्त एवं पौष्टिक भोजन का उत्पादन भी बढ़ा सकता है, क्योंकि यह खेती तकनीक में जैविक तत्वों का प्रयोग करती है, जिससे खाद्य के द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। इसके साथ ही, इस योजना का उद्देश्य जैविक खेती को क्लस्टर मोड में बढ़ावा देने के भी है, जिससे कृषि सेक्टर में नए और उन्नत तरीकों का प्रसार हो सके।
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परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता
परम्परागत कृषि विकास योजना 2023 के अंतर्गत किसानों को जैविक खेती के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत, किसानों को अपनी खेती को मौजूदा प्रौद्योगिकी और प्राकृतिक तरीकों से सुधारने का मौका मिलता है।
किसानों को क्लस्टर निर्माण, कृषि क्षमता निर्माण, और उत्पादों के मूल्यवर्धन के लिए 3 वर्षों के लिए ₹50000 प्रति हेक्टेयर की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसमें से ₹31000 प्रति हेक्टेयर 3 वर्षों के लिए जैविक उर्वरकों, कीटनाशकों, और बीजों की खरीद के लिए होती है।
इसके अलावा, मूल्यवर्धन और विपरण के लिए भी 3 वर्षों के लिए ₹8800 प्रति हेक्टेयर की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। सन 2015-16 से लेकर, इस Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 के तहत ₹1197 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है जो किसानों को उनकी खेती को बेहतर बनाने के लिए समर्थन प्रदान करने में मदद कर रही है।
इसके साथ ही, प्रत्येक क्लस्टर के लिए ₹14.95 लाख की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है, जिसमें मोबिलाइजेशंस, मैनेजमेंट, और पीजीएस सर्टिफिकेट के एडॉप्शन के लिए होती है। इससे किसानों को अपनी खेती को सुधारने और उनकी आय को बढ़ाने का अवसर मिलता है।
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Paramparagat Krishi Vikas Yojana के अंतर्गत मॉडल ऑर्गेनिक क्लस्टर्ड डिमॉन्सट्रेशन
परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत, मॉडल ऑर्गेनिक क्लस्टर्ड डिमॉन्सट्रेशन का मुख्य उद्देश्य जैविक खेती की आधुनिक तकनीकों के प्रति जागरूकता पैदा करना है। इसका उद्देश्य है कि ग्रामीण युवा, किसान, उपभोक्ता, और व्यापारी जैविक खेती के क्षेत्र में अधिक सक्षम हों और इसे अपना सकें। यह जागरूकता परंपरागत कृषि विकास योजना के माध्यम से बढ़ाई जाएगी।
इस Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न संगठन और एजेंसियों का सहयोग होगा, जैसे कि नेशनल सेंटर फॉर ऑर्गेनिक फार्मिंग, पार्टिसिपेटरी गारंटी सिस्टम, पंजीकृत क्षेत्रीय परिषद, और डीएसी और F.W. जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन।
इसके साथ ही, इस योजना के अंतर्गत रिमॉन्सट्रेशन एक्सपर्ट और साइंटिस्ट की निगरानी में भी डिमॉन्सट्रेशन आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, एक प्रोजेक्ट डिमॉन्सट्रेशन टीम का गठन किया जाएगा, जिससे इस योजना को बेहतर रूप से कार्यान्वित किया जा सके।
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योजना के अंतर्गत मॉडल ऑर्गेनिक फार्म
योजना के अंतर्गत, मॉडल ऑर्गेनिक फार्म का निर्माण करने की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में सम्पन्न होगी:
- भूमि का चयन: पहले चरण में, एक हेक्टेयर के खेत का चयन किया जाएगा, जिसे परंपरिक भूमि से जैविक कृषि पद्धति में परिवर्तित करने के लिए उपयोग किया जाएगा।
- कृषि तकनीकों का अनुप्रयोग: इसके बाद, इस मॉडल ऑर्गेनिक फार्म में नवीनतम और अद्वितीय जैविक कृषि तकनीकों का अनुप्रयोग किया जाएगा। यह तकनीकें उन्हें एक पर्याप्त और सांत्वना देने वाली प्राकृतिक खेती प्रणाली में सम्प्रेरित करेंगी।
- किसानों की प्रशिक्षण: इसके साथ ही, किसानों को इन नवाचारिक तकनीकों से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे इन तकनीकों को सही ढंग से समझ सकें और उन्हें सफलतापूर्वक लागू कर सकें।
- मॉडल ऑर्गेनिक फार्म का प्रबंधन: एक बार मॉडल ऑर्गेनिक फार्म का निर्माण हो जाए, तो उसका प्रबंधन किया जाएगा। यहाँ, सभी आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की जाएगी और कृषि तकनीकों का नियमित अनुसरण होगा।
- संज्ञान एवं सहयोग: इस प्रक्रिया के अंत में, न्यूनतम 1 वर्ष में अधिकतम तीन मॉडल ऑर्गेनिक फार्मों को आवंटित किया जाएगा, ताकि इस प्रयास का संज्ञान बढ़ाया जा सके और अधिक किसानों को इन तकनीकों से जोड़ने में मदद मिल सके।
- इस तरीके से, मॉडल ऑर्गेनिक फार्म योजना के अंतर्गत जैविक कृषि के क्षेत्र में सुधार की ओर कदम बढ़ाया जा रहा है, और किसानों को नवाचारिक और सतत खेती की दिशा में मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
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Paramparagat Krishi Vikas Yojana के लाभ
- जैविक खेती का प्रोत्साहन: इस योजना के माध्यम से किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह किसानों को जैविक खेती के प्रति आकर्षित करता है जिससे स्वास्थ्यपूर्ण खाद्य उत्पन्न करने में मदद मिलती है।
- खेती के स्थाई मॉडल का विकास: इस Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 के माध्यम से परंपरागत ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के मिश्रण से खेती के स्थाई मॉडल को विकसित किया जा रहा है। इससे किसानों के लिए बेहतर खेती के तरीके उपलब्ध होंगे।
- मिट्टी की उर्वरता का बढ़ावा: योजना के तहत मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है, जिससे भूमि की फ्रजाइलिटी को कम किया जा सकता है।
- क्लस्टर निर्माण और विकसन: परम्परागत कृषि विकास योजना 2203 (PKVY) के अंतर्गत क्लस्टर निर्माण, क्षमता निर्माण, आदनों के लिए प्रोत्साहन, मूल्यवर्धन और विपरण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- रसायनिक मुक्त जैविक खेती: इस योजना के माध्यम से रसायनिक मुक्त जैविक खेती को क्लस्टर मोड में बढ़ावा देने का प्रयास किया जाता है, जिससे किटनाशकों का कम उपयोग होता है और भोजन में पौष्टिकता बढ़ती है।
- सेहत में सुधार: इस योजना से निकलने वाले जैविक उत्पादों के सेवन से लोगों की सेहत में सुधार हो सकता है, क्योंकि इनमें कम हानिकारक रसायन होते हैं।
- सामृद्धि की ओर कदम: Paramparagat Krishi Vikas Yojana (PKVY) के माध्यम से किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और उन्हें जैविक खेती में समृद्धि की ओर कदम बढ़ाने में मदद मिलती है।
- किसानों को शिक्षा और प्रशिक्षण: इस Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 के अंतर्गत किसानों को नवाचारिक तकनीकों से संबंधित जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिससे वे खेती में समझदारी से काम कर सकते हैं।
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Paramparagat Krishi Vikas Yojana की मुख्य विशेषताएं
- क्लस्टर मोड: इस परम्परागत कृषि विकास योजना 2023 में जैविक खेती को क्लस्टर मोड में बढ़ावा दिया गया है, जिससे किसानों के साथ-साथ क्षेत्र के अर्थव्यवस्था को भी सुधारा जा सकता है।
- वित्तीय सहायता: जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए अधिकतम ₹10 लाख तक की वित्तीय सहायता की जाएगी, जिससे किसानों को अपनी खेती को बेहतर तरीके से संचालित करने का मौका मिलता है।
- लघु और सीमांत किसानों के लिए: एक क्लस्टर में किसानों की कुल संख्या में कम से कम 65% किसानों को लघु और सीमांत श्रेणी के लिए आवंटित किया जाता है, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को योजना के लाभ से जुड़ने का मौका मिलता है।
- महिला किसानों के लिए आवंटन: इस Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 के तहत बजट आवंटन का कम से कम 30% महिला लाभार्थी/किसानों के लिए आवंटित करना आवश्यक है, जिससे महिलाओं को जैविक खेती में भाग लेने का अवसर मिलता है।
- इन विशेषताओं के माध्यम से, Paramparagat Krishi Vikas Yojana ने भारत के कृषि क्षेत्र में जैविक खेती को बढ़ावा दिया है और साथ ही छोटे और सीमांत किसानों और महिला किसानों के लिए भी एक बेहतर मौका प्रदान किया है।
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परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत एनुअल एक्शन प्लान
- प्रोग्राम की अवधि: पीजिएस सर्टिफिकेशन एवं क्वालिटी कंट्रोल प्रोग्राम 3 वर्ष की अवधि का है, जिसके दौरान विभिन्न गतिविधियों का क्रम अनुष्ठानित होगा।
- एक्शन प्लान तैयारी: रीजनल काउंसिल को अपना एक्शन प्लान तैयार करना होगा, जिसमें योजना के लक्ष्य और क्रियान्वयन की विस्तृत योजना शामिल होगी।
- प्रस्तुति स्थल: यह एक्शन प्लान स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर को प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे केंद्र सरकार को इसकी जानकारी हो सके।
- अप्रूवल और वित्तीय सहायता: एक्शन प्लान को मई महीने तक केंद्र सरकार द्वारा अप्रूव कर दिया जाएगा, जिसके पश्चात् राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- लोकल समृद्धि: वित्तीय सहायता प्राप्त होने के बाद, रीजनल काउंसिल द्वारा स्थानीय समृद्धि समूहों और किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे योजना का लाभ उठा सकें।
- मार्च में प्रस्तुति: एनुअल एक्शन प्लान रीजनल काउंसिल द्वारा मार्च में तैयार किया जाएगा और केंद्र सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा।
- वित्तीय सहायता: मध्य मई में, वित्तीय सहायता रीजनल काउंसिल को प्रदान कर दी जाएगी, जिससे वे योजना को सफलतापूर्वक कार्यान्वित कर सकें।
परम्परागत कृषि विकास योजना का कार्यान्वयन
- राष्ट्रीय स्तर कार्यान्वयन: इस Paramparagat Krishi Vikas Yojana का राष्ट्रीय स्तर पर कार्यान्वयन प्रधानमंत्री कृषि विकास योजना के इंटीग्रेटेड न्यूट्रिएंट मैनेजमेंट के ऑर्गेनिक फार्मिंग सेल के माध्यम से होगा। यह सेल योजना को सुनिश्चित करेगा कि जैविक खेती के साथ-साथ न्यूट्रिएंट मैनेजमेंट भी सही तरीके से हो रहा है। इसके साथ ही, योजना के दिशा निर्देश नेशनल एडवाइजरी कमिटी के सहयोगी डायरेक्टर के माध्यम से तैयार किए जाएंगे। राष्ट्रीय स्तर पर कार्यान्वयन का जिम्मा डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर, कोऑपरेटिव एंड फार्मर वेलफेयर को भी सौंपा जाएगा।
- राज्य स्तर कार्यान्वयन: राज्य स्तर पर इस योजना का कार्यान्वयन राज्य कृषि और सहकारिता विभाग के द्वारा किया जाएगा। राज्य विभाग द्वारा पंजीकृत क्षेत्रीय परिषदों की सहयोगी साझेदारी के साथ योजना को पूर्वाग्रहण किया जाएगा।
- जिला स्तरीय कार्यान्वयन: इस परम्परागत कृषि विकास योजना का जिला स्तरीय कार्यान्वयन रीजनल काउंसिल के माध्यम से होगा। हर जिले में एक या एक से अधिक रीजनल काउंसिल हो सकते हैं, जो सोसाइटीज एक्ट, पब्लिक ट्रस्ट एक्ट, कोऑपरेटिव एक्ट, या कंपनीज एक्ट के तहत पंजीकृत होंगे। इन रीजनल काउंसिल के माध्यम से योजना के कार्यान्वयन का निर्देशन और मॉनिटरिंग किया जाएगा।
- इस रूप में, परम्परागत कृषि विकास योजना 2023 का कार्यान्वयन विभागों, संगठनों, और स्तरों के साथ मिलकर हो रहा है, ताकि योजना के उद्देश्यों को सफलता से प्राप्त किया जा सके।
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परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) की पात्रता
- नागरिकता: आवेदक को भारत का स्थाई निवासी होना आवश्यक है, अर्थात वह भारत में स्थाई रूप से निवास करने वाला हो।
- किसान होना: इस Paramparagat Krishi Vikas Yojana 2023 के तहत आवेदन करने के लिए आवेदक किसान होना चाहिए, अर्थात उन्हें कृषि या खेती से जुड़ा होना चाहिए।
- आयु सीमा: आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, जिससे वे योजना के अंतर्गत पात्र हो सकें।
- इस तरह, यह योजना केवल भारतीय स्थाई निवासियों के बीच में किसानों को जोड़ने के उद्देश्य से उपयोगी होती है और उनके लिए कृषि से जुड़ी आयु और पेशेवरता के मानकों का पालन करती है।
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Paramparagat Krishi Vikas Yojana अंतर्गत आवेदन करने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- राशन कार्ड
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
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परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले, आपको परम्परागत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- आधिकारिक वेबसाइट पर परम्परागत कृषि विकास योजना का होम पेज खुलेगा।
- होम पेज पर, आपको “अप्लाई नाम” या “आवेदन करें” जैसे विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद, आपके सामने आवेदन पत्र खुलेगा, जिसमें आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, आदि जैसी महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज करनी होगी।
- उसके बाद, आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अपलोड करना होगा, जैसे कि आवश्यक प्रमाण पत्र, खेती से संबंधित विवरण, और अन्य आवश्यक दस्तावेज।
- अब, आपको “सबमिट” या “प्रस्तुत करें” विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- इस प्रकार, आप परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं। ध्यान दें कि आवेदन प्रक्रिया में दर्ज की गई जानकारी को सही और पूरी तरह से प्रदान करना महत्वपूर्ण है।
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PKVY पोर्टल पर लॉगिन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले, आपको परम्परागत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट (PKVY) पर जाना होगा।
- आधिकारिक वेबसाइट पर परम्परागत कृषि विकास योजना का होम पेज खुलेगा।
- होम पेज पर, आपको “लॉगिन” या “साइन इन” विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- अब आपके सामने एक लॉगिन डायलॉग बॉक्स आएगा।
- इस डायलॉग बॉक्स में, आपको अपना यूजरनेम, पासवर्ड, और कैप्चा कोड दर्ज करना होगा।
- इसके बाद, आपको “लॉगिन” विकल्प पर क्लिक करना होगा।
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PKVY कांटेक्ट डिटेल देखने की प्रक्रिया
- सबसे पहले, आपको परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- आधिकारिक वेबसाइट पर परम्परागत कृषि विकास योजना का होम पेज खुलेगा।
- होम पेज पर, आपको “कांटेक्ट अस” या “संपर्क” विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- अब आपके सामने एक नया पेज खुलकर आएगा, जिस पर कांटेक्ट डिटेल्स दिखाई जाएंगी।
- इस तरह, आप परम्परागत कृषि विकास योजना के कांटेक्ट डिटेल्स को देख सकेंगे और उनसे संपर्क करने के लिए आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
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